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सरकारी जॉब्स और बच्चो का भविष्य

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नमस्कार दोस्तों,

                          आज का शीर्षक सरकारी जॉब  पर आधारित है जिसे समझाने  के लिए में आज  SSC  द्वारा लेने वाली एग्जाम को   उदाहरण  के तोर पर ले रहा हु ।  SSC  अर्थात Staff Selection Commission की आयोजित एग्जाम  जिसका व्यापक असर देश के बच्चो  ,शिक्षित बेरोजगारो और देश की अर्थव्यवस्था पर  पड़ता है और जिसमे  गन्दी राजनीती के प्रभाव  भी शामिल है 
 

                  मै यह आपको क्लियर कर दू की ये मेरे व्यक्तिगत विचार है और में यह एसएससी पर कोई दोष  नहीं दे रहा हु बस  एक उदाहरण  के माध्यम से  बच्चो की मानसिकता व सोच का उल्लेख करना चाह रहा हु 

                          दोस्तों यदि  कहा जाये UPSC  और State Psc के बाद जो तीसरी सबसे बड़ी एग्जाम भारत में मानी जाती है वो है SSC द्वारा आयोजित  SSC-CGl  की एग्जाम।

Roll of students in indian economy and unemployment- SSC CGL


                      SSC (एसएससी) हर साल ग्रेजुएट लेवल की ये एग्जाम आयोजित करता है,हर साल इसमें लाखो की तादाद में बच्चे फॉर्म भरते है,और सिलेक्शन भी लेते है।

                      यदि में इस एग्जाम की बात करू तो ये एग्जाम हर साल ग्रेजुएट लेवल पर कई भर्तियां निकालता है। यहां  में पिछले कुछ सालों का आंकड़ा आपके सामने रख रहा हूँ-

Number of applicants for ssc cgl in previous Year


Year
  No. of Post
Total no.Of candidates Registered
   Total no. Of candidates Appeared
 2016
 10661
     38,04,000
  1482000
 2017
 8089
     3026598
 1543962
 2018
  11271
    2597000
 0834746
 2019
 8582
    25.97 lakh
 8.37lakh



दोस्तों में मुद्दे की बात पर आता हूं अब-
                                  जैसा की मेने आपको ऊपर पिछले कुछ सालों के डाटा दिए है यदि आप गौर करें तो जितनी पोस्ट आयी उससे कई गुना स्टूडेंट उस एग्जाम के लिए बैठे है। ये एग्जाम आपकी योग्यता और आपकी पढ़ाई से ज्यादा समय पर आधारित होती है।


Roll of students in indian economy and unemployment- SSC CGL

                              यहाँ में उदाहरन के लिए केवल 2018 का डाटा लेकर अपनी बाते रखता हूं।
जैसा की 2018 में लगभग 25लाख बच्चो ने फॉर्म भरे और उसमें से भी केवल 8.37लाख स्टूडेंट एग्जाम में बैठे। यहाँ  पोस्ट की बात की जाये तो  11271थी।

                               आपकी जानकारी के लिए भी बताना चाहूंगा कि ये post भी अलग अलग category में विभक्त होती है।
यहाँ में आपको 2018 की केटेगरी क हिसाब से पोस्ट शेयर कर  रहा हु -




Total Post
General
Obc
SC
St
11271
5770
2933
1723
845


                    दोस्तों इस एग्जाम में tier 2 के लिए 1.5लाख बच्चे सेलेक्ट हुए और tier 3 के लिए 50000 बच्चे। चलो मान लेते है इन 8 लाख मेसे 50000 बच्चे जो की tier 3 के लिए एलिजिबल हुए उन्होंने पूरी निष्ठा से पढ़ाई की होगी। फिर भी उनमें से केवल 11000 का सिलेक्शन उन योग्य बच्चो की 1 साल की मेहनत को भी पानी में बहा देता है ,और इनमे से कुछ बच्चो के नंबर केटेगरी में सेलेक्ट हुए बच्चो से भी ज्यादा होते है,किन्तु  पोस्ट की एक तय सीमा के कारण कितने योग्य अभ्यर्थी  बाहर  हो जाते है।

                    फिर से ये बच्चे अगले साल  तक एग्जाम होने का इंतज़ार करते है,और साल दर साल योग्य अभ्यर्थी शिक्षित बेरोजगारी की श्रेणी में प्रवेश कर जाते है।

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                  दोस्तों हमेशा बच्चो को  ये सोच के मोटीवेट किया जाता है,की आप पोस्ट के बारे में न सोचें केवल अपनी 1 सीट के बारे में सोचे ।

                  यहाँ में बस यही कहना चाहूंगा यदि देश के इतने सारे बच्चो मे से केवल यदि 11000 पोस्ट की जॉब पाने वाले बच्चे और अपना पूरा साल इस पर देने वाले बच्चो मे से  क्या ये 11000  ही ये सोच रख पाए है या कहि न कही हमारे देश के अधिकांश बच्चे शोषण का शिकार हुए है। क्या हमारे देश के बच्चे इतने गये गुजरे है जो  लाखो की भीड़ में से 11000 बच्चे ही सिलेक्शन ले पाये।

                    दोस्तों ऐसा नही है, यदि इन 11000 पोस्ट के लिए यदि एग्जाम देने वाले बच्चो मेसे 20000  बच्चे गम्भीर रूप से  तैयार थे तो 9000 बच्चे इसका गलत शिकार हुए। 

अब बात करते है अर्थव्यवस्था और राजनीति परिदृश्य की-

                    दोस्तों यदि एक एग्जाम के लिए 8 लाख बच्चे केवल 11000 पोस्ट के लिए फॉर्म भरते है तो इनमे से कितने ही योग्य उम्मीदवार शिक्षित बेरोजगारी का शिकार होजाते है। ये बच्चे न तो अपने आने वाले कल को सुरक्षित रख पाते है,अपितु इनकी हालात बहुत खराब होजाती ।


Roll of students in indian economy and unemployment- SSC CGL

                  इनका पूरा टैलेंट बर्बाद होजाता है। ये योग्य लोग भी छोटा मोटा काम करने को और अपनी आजीविका का चलाने के लिए प्राइवेट फर्म में काम करते है या छोटे मोटे काम धंधो में लग जाते है ।इनकी इतने सालों से करी हुई मेहनत, पढ़ाई सब कुछ व्यर्थ होजाता है और हमारे समाज में ये योग्य उमीदवार कई बार लोगो की हँसी का पात्र भी बन जाते है।

                     इन सबके कारण देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगाने लगती है,क्यों की शिक्षित बेरोजगार बढ़ने लग जाते है।

                     दोस्तों भारत जैसे देश में यदि सबसे ऊपर स्तर की बात करी जाये तो वो है राजनीति ।आप लोगो ने यदि गौर किया होगा तो देश में अधिकांश नेता अधिक उम्र वाले होंगे बहुत ही कम आप लोगो को युवा नेता देश की सेवा करते दिखा होगा।

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                    आप अपने क्षेत्र में ही देख लीजिए युवा और नई सोच राजनीती में बहुत ही कम दिखती है। ऐसा क्यों? क्या कारण  है कि युवा इन क्षेत्र में नही आता है?

                   यदि इसके उत्तर की बात करी जाये तो इसका जवाब है,बच्चो को एग्जाम में और करियर में उलझा दिया जाता है।उन्हें राजनीती के गंदे माहौल का बोध करा दिया जाता है और ये बच्चे जिनमे से कुछ तो इतने टैलेंटेड होते है जो उनके क्षेत्र के नेता लोगो से  भी कुशल होते होंगे ,एग्जाम में उलझ के रह जाते है और जब एग्जाम क्लियर नही होती है तो ये लोग इन्ही नेताओ और प्राइवेट फर्म पर निर्भर होकर अपना गुजारा करता है। 
Roll of students in indian economy and unemployment- SSC CGL

                    कही न कही राजनीती के चलते ही नई सोच को इसमें से आने से पहले एग्जाम के जाल में उलझा दिया जाता है । कहने को देश में सबकी आजादी ,सोचने ,काम करने और बोलने की आजादी मिली है पर कहि न कही ये शिक्षित बेरोजगार राजनीती का शिकार होते आएं है।

                    देश के 8लाख बच्चे एक साथ केवल 11 000 पोस्ट के लिए अपना साल दे रहे है। यदि यही बच्चे 1 साल अपना ध्यान देश की अर्थव्यव्यस्था और Enterpreneurship में लगाते  तो न जाने कितने लोगो को रोजगार दे पाते । देश को  एक नई सूरत दे पाते ।नई राजनीती और नई रणनीति का आगाज करते किन्तु सब व्यर्थ पुनः ऐसी कुछ पोस्ट निकाली जाती है और देश के बच्चे लग जाते है इनको क्लियर करने के लिए और जो चल रहा होता है वो चलता रहता है।


Roll of students in indian economy and unemployment- SSC CGL

                     बेरोजगारी बढ़ती जायेगी, अर्थव्यव्यस्था गिरती रहेगी किन्तु लाखो युवा लगा रहेगा एग्जाम क्लियर करने के लिए और जब सिलेक्शन नही होगा तो करने बैठेगा प्राइवेट फर्म में 8000 से 10000 रुपये के लिए जॉब

                  उम्मीद करता हु  युवा से वो एक बार ध्यान से सोचे , खास कर उन युवा से जो एग्जाम के प्रति गम्भीर होते है किंतु तय सीमा में पोस्ट के कारण अपना  जीवन बर्बाद कर रहे है वो अपना टैलेंट पढ़ाई के साथ साथ दूसरे क्षेत्र में भी लगाये। अपनी सोच  और मानसिकता में थोड़ा परिवर्तन करे । जिंदगी को फॉर्म भरने और एग्जाम देने में खत्म न करे । आप भी अपने विचार मुझे कम्मेंट करके बताइये 

कहते है कि

समाज किसी के कुछ गलत करने से नहीं बर्बाद होता है बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के कुछ न करने से  ज्यादा बर्बाद होता है 

धन्यवाद !


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