Home Top Ad

भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं-MPPSC

Share:

दोस्तों MPPSC 2019-20 के लिए आपके सिलेबस से भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याए का प्रश्न लाया हूँ।


भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है इसके बावजूद यह अत्यंत पिछड़ी हुई दशा में है भारतीय कृषि के पिछड़ेपन में अनेक आर्थिक सामाजिक प्राकृतिक इत्यादि बातों का हाथ रहा है।

प्रमुख बिंदु:-



(1) भारतीय कृषि की मानसून पर निर्भरता:-


भारत में कृषि क्षेत्र का केवल एक तिहाई भाग ही सिंचित है शेष कृषि क्षेत्र प्रत्यक्ष रुप से मानसूनी वर्षा पर निर्भर है । मॉनसून की अनिश्चितता पर अनियमितता से गैर सिंचित क्षेत्र की सिंचाई प्रभावित होती है कभी किसी क्षेत्र में अधिक वर्षा तो कभी कम।


(2) सिंचाई के स्थाई साधनों साधनों का अभाव:-


भारत में फसल खेती अधिकांश वर्षा पर निर्भर है सिंचाई के स्थायी साधनों का बहुत अधिक है कृषि उत्पादन में स्थिरता के लिए आवश्यक है कि देश के सभी भागों में सिंचाई के स्थायी साधन विकसित किए जाए जाए।




भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं
भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं


(3) अपर्याप्त निवेश और निम्न तकनीक:-


देश के किसानों में व्याप्त गरीबी और अज्ञानता ,साधनों की अपर्याप्त उपलब्धि व निम्न तकनीक के कारण कृषि में आवश्यक साधनों का निवेश नहीं हो पाता और ना ही उन्नत तौर तरीके व्यवहार में लाए जाते हैं,

न तो उन्नत बीजो का प्रयोग होता है न ही उन्नत तौर तरीके। आधुनिक कृषि में लागत बहुत आती है। सीमांत व छोटे किसान की कृषि बचत बहुत कम या ना के बराबर है अतः मैं कृषि वे  निवेश करने में असमर्थ होते हैं।


(4) भूमि सुधारों में कमी :-


भूमि के असमान वितरण के कारण भारतीय किसान लंबे समय से शोषित है, स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भूमि सुधारों की प्राथमिकता दी गई. किंतु कई राज्य सरकारों ने राजनीतिक रूप से शक्तिशाली जमींदारों के खिलाफ कठोर निर्णय लेने में टालमटोल किया .

परिणाम स्वरुप कृषि योग्य भूमि का असमान वितरण जारी रहा जो कृषि के विकास के लिए बाधक सिद्ध होता रहा है।

मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास के कारण #MPPSC 2019



(5) जोतो का छोटा आकार:-


छोटी जोते आधुनिक उत्पादन तकनीक के लिए उपयुक्त नहीं होती तथा बिखरे जोतो के कारण प्रबंधन की लागत बढ़ जाती है. और पिछड़ी हुई कृषि का बहुत बड़ा कारण है यहां के जोतो का छोटा आकार।


(6) वितीय सुविधाओं का अभाव:-


कृषि कार्य के सुचारू रूप से संचालन एवं कृषि विकास के लिए वित या ऋण की आवश्यकता पड़ती है देश मे वित्त सुविधाओं का बड़ा अभाव रहा है।प्रायः छोटे किसानों के समक्ष यह समस्या और भी जटिल है.

पर्याप्त मात्रा में और ठीक समय में धन न मिलने पर किसान साहूकार से ऋण लेकर अधिक ब्याज देते हैं . और उनका शोषण करते है

इस दुव्यवस्था कारण के किसान समय पर कृषि कार्य हेतु आवश्यक चीजें नहीं खरीद पाते जिसके फल स्वरुप उत्पादन कम होता है।


(7) व्यवस्थित विपणन प्रणाली का अभाव :-


छोटे किसानों की बहुत बड़ी संख्या आज भी अपनी उपज स्थानीय मंडियों में कम कीमत पर बेच रहे हैं.

निर्धन किसान स्थानीय महाजन व्यापारियों के पास अपनी उपज बेचने को मजबूर है

क्योंकि उसी से उन्हें अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेना पड़ता है।


(8) कृषि योग्य भूमि का निम्नीकरण :-


भारत में कृषि भूमि का निम्नीकरण एक गंभीर समस्या है सिंचाई और कृषि विकास की दोषपूर्ण नीतियों के कारण मृदा की उवरता क्षीण होती है. तथा यह समस्या सिंचित क्षेत्रों में और भी भयावह कृषि भूमि का एक बड़ा भाग जलाक्रांकता,लवणता तथा मृदा क्षरियता बंजर हो चुका है. फसल चक्र नअपनाए जाने से भी भूमि मैं पोषक तत्वों की कमी।




भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं MPPSC
भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं


(9) कृषि मैं न्यून उत्पादकता:-


भारतीय कृषि में पिछड़ेपन का सबसे प्रमुख कारण अधिकांश फसलों की न्यून उत्पादकता का होना।


(10) अन्य कारण:-


(1).सीमित अनुसंधान कार्य
(2). फसलों की बीमारियां
(3). दोषपूर्ण प्रशासन व्यवस्था , भ्रष्टाचार।

दोस्तों MPPSC से सम्बंधित किसी भी प्रश्न के उत्तर के लिए कमेंट कीजिये ।

धन्यवाद ।

No comments

Featured Post

Sergei Ponomarenko A real Time Traveller from Ukrain- समययात्रा स्टोरी हिंदी में

  समय यात्रा ( Time Travel ) एक ऐसा टॉपिक जिस पर हर कोई विस्वास नहीं कर पाता। इंसान  हमेशा ये एक चाह रखता है,की वो समय के पार जा सके,अपने भ...